पुरुषों में स्तंभन दोष की बीमारी/Men Sex Problems/Erectile Dysfunction In Hindi :
एक पुरुष के लिए सबसे कठिन समय तब होता है जब वह अपनी पुरूषत्वता ही खो देता है | यह समय है इरेक्टाइल डिसफंक्शन (erectile dysfunction in hindi) या स्तंभन दोष की बीमारी|
भारत में 40 से ज़्यादा उम्र के कमसेकम 20 प्रतिशत पुरुष इरेक्टाइल डिसफंक्शन से जूझ रहे हैं | और चिंताजनक बात यह है कि यह गिनती बढ़ती ही जा रही है | अब कम उम्र के पुरुष भी इस परेशानी से जूझने लगे हैं |
इरेक्टाइल डिसफंक्शन (erectile dysfunction in hindi) या स्तंभन दोष पुरुषों में होने वाली एक बहुत ही आम यौन सम्बंधित परेशानी है | तो आइए इस बीमारी के बारे में विस्तार से जानते हैं ताकि हम इस गिनती को मिलकर कम कर सके |

What is the meaning of Erectile Dysfunction (in hindi) – क्या होता है स्तंभन दोष ?
जब कोई पुरुष संभोग के समय अपने गुप्तांग में पर्याप्त इरेक्शन या स्तंभन लाने में नाकामयाब हो जाता है या फिर उसको बरक़रार नहीं रख पाता, तब उस स्तिथि को इरेक्टाइल डिसफंक्शन या स्तंभन दोष कहते है (erectile dysfunction meaning)|
इरेक्टाइल डिसफंक्शन (erectile dysfunction in hindi) और डायबिटीज (diabetes)
“डायबिटीज इरेक्टाइल डिसफंक्शन होने का एक बहुत ही आम कारण है | डायबिटीज से पीड़ित पुरुषों को कम उम्र में यह बीमारी होने की संभावना काफ़ी ज़्यादा होती है |”
यहाँ तक की लगभग 75 प्रतिशत डायबिटिक पुरुष अपने जीवन में इस बीमारी का सामना कर सकते हैं |
सोचने वाली बात यह है कि डायबिटीज का स्तंभन दोष से क्या ताल्लुक है ?
“डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो शरीर की नसों, आँखों और किड्नीस पर असर डालती हैं, ख़ास तौर पर तब जब काफ़ी समय से शुगर पर नियंत्रण न किया गया हो | तीन तरीकों से यह बीमारी पुरुष के संभोग करने की क्षमता पर असर डाल सकती है |”
अगर किसी पुरुष का ब्लड शुगर काफ़ी लम्बे समय से अनियंत्रित रहा है तो इससे स्वचल नसों को गंभीर नुक्सान
पहुँचता है (autonomic neuropathy) | नसों को नुकसान पहुँचने के कारण वे सही से गुप्तांग की मांसपेशियों को सिग्नल नहीं भेज पाते जिससे इरेक्शन नहीं हो पाता | इस स्तिथि में स्तंभन दोष के अलावा पुरुषों को ये लक्षण भी महसूस हो सकते है – असाधारण रूप से पसीना आना (ख़ास तौर पर खाते वक़्त), अचानक से उठके बैठने पर सर घूमना, घबराहट होना (palpitations) और अचानक – अचानक से कब्ज़ या दस्त हो जाना |
डायबिटीज से arteriosclerosis भी बढ़ने लगती है | “डायबिटीज होने पर गुप्तांग की रक्तवाहिनी के सख़्त होने की संभावना बढ़ जाती है |”
डायबिटीज के साथ-साथ अगर मोटापा भी हो तो अक्सर हॉर्मोन्स में असंतुलन आ जाता है | “मोटापा के कारण पुरुष में मौजूद टेस्टोस्टेरोन की मात्रा कम हो सकती है जिससे इरेक्टाइल डिसफंक्शन हो सकता है |”
अब जब हम इरेक्टाइल डिसफंक्शन के संभाव्य कारणों को जान गए है, आइए इसके इलाज पर गौर करते हैं |
Erectile dysfunction in hindi – कैसे करे इसका इलाज ?
इरेक्टाइल डिसफंक्शन (erectile dysfunction meaning in hindi) जैसी बीमारी के इलाज का पहला कदम है पुरुष के संभोग करने की क्षमता को वापस लाना और उसके होने के कारण को ठीक करना |
“अगर स्तंभन दोष होने का कारण तनाव, डिप्रेशन या एंग्जायटी से जुड़ा हुआ है तो उस स्तिथि में हम मरीज़ को psychiatrist की मदद लेने का सुझाव देते है | जहाँ तक की संभोग की बात है, गुप्तांग को उत्तेजित करने के लिए दवाइयों और इंजेक्शंस का इस्तेमाल किया जा सकता है |”
कुछ ऐसी दवाइयाँ हैं – viagra, cialis, adcirca आदि |
“परन्तु ध्यान रहे कि ये दवाइयाँ केवल डॉक्टर की देख-रेख में ही ली जाए | खुदसे ये दवाइयाँ लेना जानलेवा हो सकता है ख़ास तौर पर तब जब मरीज़ को कोरोनरी आर्टरी रोग होता है |”
संभोग करते वक़्त स्तंभन पाने के लिए कुछ आसान से यंत्रों का इस्तेमाल भी किया जा सकता है | इन यंत्रों से पुरुष अपने गुप्तांग में पर्याप्त इरेक्शन पा सकते है और उसको बरक़रार भी रख सकते है |
इनमे से एक यंत्र है गुप्तांग पर पम्प (penis pump) – यह एक खोखला ट्यूब है जो बैटरी से चलता है | इस ट्यूब को गुप्तांग के ऊपर रख कर पम्प की सहायता से हवा बहार निकाल दी जाती है जिससे एक वैक्यूम बन जाता है | यह वैक्यूम रक्त को गुप्तांग के अंदर खींच काटा है जिससे वह इरेक्ट हो जाता है | इसके पष्चात एक तरह के रिंग का इस्तेमाल करके उस इरेक्शन को बरक़रार रखा जाता है |
हम आपको सलाह देते हैं कि “अगर दवाइयों से इरेक्टाइल डिसफंक्शन ठीक न हो पाए तो सर्जरी भी एक उपाय हो सकता है | पीनाइल प्रॉस्थेसिस या पीनाइल इम्प्लांटेशन एक क्रिया है जिससे ये बीमारी ठीक हो सकती है | इस क्रिया में गुप्तांग के भीतर यंत्र लगाए जाते है जो उसको इरेक्ट होने में मदद करता है |”
डायबिटीज में erectile dysfunction (in hindi) का इलाज
क्योंकि डायबिटिक पुरुषों को यह बीमारी होने की अधिक संभावना है, शुरू से ही कुछ चीज़ों का ख्याल रखने से स्तंभन दोष से बचा जा सकता है |
“ज़रूरी है कि उच्च शुगर लेवल्स रखने वाले पुरुष अपने ब्लड शुगर को शुरुआत से ही नियंत्रित करें | क्योंकि डायबिटीज के शुरूआती पड़ाव अलक्षणी होते हैं, लोग अक्सर अपने शुगर लेवल्स को नज़रअंदाज़ कर देते हैं | इससे इरेक्टाइल डिसफंक्शन हो ही जाता है” डॉ. का कहना है |
स्तंभन दोष से बचने के लिए डायबिटिक पुरुषों को अपने जीवनशैली में निम्नलिखित बदलाव करने चाहिए-
धूम्रपान पर रोक लगाना
लिमिटेड मात्रा में शराब का सेवन करना
डायबिटीज के साथ-साथ मोटापा होने पर अपने वज़न का ख़ास ध्यान रखना | अधिक वज़न होने पर रोज़ व्यायाम करके वज़न घटाने की कोशिश करना ताकि एक स्वस्थ BMI प्राप्त हो सके
शुरूआती लक्षण जैसे असाधारण रूप से पसीने आने को नज़रअंदाज़ न करना
“टेस्टोस्टेरोन की मात्रा कम होने पर डॉक्टर के निर्देशन में टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (testosterone replacement therapy) अपनाने से यह परेशानी ठीक हो सकती है |”
अंत में कारण चाहे जो भी हो, ऐसे वक़्त में एक पुरुष को सबसे ज़्यादा अपने परिवार और दोस्तों की ज़रूरत होती है | भावनात्मक सहायता मिलने से उनको इस परेशानी से जूझने की हिम्मत मिलती है |
“यह बीमारी पुरुष के लिए शर्मिंदगी ला सकती है इसीलिए ज़रूरी है कि ऐसे समय में आप अपने अपनों से बात करें और मन में कोई दुविधा न रखें” ऐसा कहना है डॉ. का ।
“हर परेशानी का कोई न कोई इलाज होता है | इसीलिए चिंता करने के बजाए ज़रूरी है कि हम उस परेशानी को सुलझाने के लिए सही मेडिकल सुझावों को मानें |”

ओरल मेडिकेशन: ओरल मेडिकेशन में वियाग्रा, सियालिस, स्टेंड्रा और लेविट्रा जैसी दवाएं शामिल हो सकती हैं। ये शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड प्रभाव को बढ़ाते हैं, इस प्रकार लिंग में रक्त के प्रवाह में सुधार होता है। दवाओं की डोज सभी में अलग-अलग होती है। ये दवाएं तत्काल निर्माण में सहायता नहीं करती हैं, क्योंकि वे कामोद्दीपक नहीं हैं। नाइट्रिक ऑक्साइड की रिलीज को ट्रिगर करने और इरेक्शन का कारण बनने के लिए यौन उत्तेजना के कुछ रूप आवश्यक हैं।
मनोवैज्ञानिक परामर्श: यह उन पुरुषों के लिए अनुशंसित है जो तनाव, चिंता और कम आत्मसम्मान से पीड़ित हैं, उन्हें भी ईडी हो सकता है। परामर्श प्रभावी ढंग से पुरुषों को उनके मानसिक स्वास्थ्य के समस्याओं को हल करने और ईडी को दूर करने में मदद करता है।
म्यूज़ थेरेपी: एक विशेष एप्लीकेटर का उपयोग शिश्न के मूत्रमार्ग में एक छोटे से अल्प्रोस्टैडिल सपोसिटरी को डालने के लिए किया जाता है। यह संभोग से पहले लिंग में डाला जाना चाहिए। दवा को अपना काम करने में लगभग 10 मिनट लगते हैं और इरेक्शन 30 मिनट से 60 मिनट तक हो सकता है।
टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट: यह उपचार उन पुरुषों के लिए अनुशंसित है जो टेस्टोस्टेरोन के निम्न स्तर के कारण ईडी से पीड़ित हैं। टेस्टोस्टेरोन का प्रतिस्थापन आमतौर पर इंजेक्शन या एक पैच के माध्यम से किया जाता है। इसे जेल या गोंद के रूप में भी लिया जा सकता है।
पेनिस पंप: एक वैक्यूम इरेक्शन डिवाइस लिंग के ऊपर स्थित होता है। खोखले ट्यूब आमतौर पर बैटरी संचालित या हाथ से संचालित होते हैं। एक बार जब पंप रखा जाता है तो यह उपकरण के अंदर से हवा को निकालता है, जिससे एक वैक्यूम बनता है जो लिंग में रक्त प्रवाह को ट्रिगर करता है जिसके परिणामस्वरूप इरेक्शन होता है। उसके बाद इरेक्शन को बनाए रखने के लिए एक टेंशन रिंग को लिंग के बेस पर रखा जाता है। संभोग करने के बाद रिंग को हटा देना चाहिए।
पेनाइल इम्प्लांटेशन: यह एक सर्जिकल प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है जिसमें इम्प्लांट एक पुरुष के लिंग के दो तरफ स्थित होते हैं। इम्प्लांट या तो इन्फ़्लेटबल रॉड या सेमी-रीजिड रॉड हो सकते हैं। उपचार का यह रूप बहुत असामान्य होता है और यह केवल अन्य प्रकार के ईडी उपचार विफल होने के बाद हीं किया जाता है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के इलाज के लिए कौन पात्र है ?
इरेक्टाइल डिसफंक्शन किसी भी उम्र में पुरुषों को प्रभावित कर सकता है। आमतौर पर उम्रदराज पुरुषों में यह समस्या कम उम्र के पुरुषों की तुलना में ज्यादा होती है। सभी उम्र के पुरुष ईडी के लिए उपचार के लिए प्रात्र हो सकते हैं। ईडी के लिए उपचार आम तौर पर निदान पर निर्भर करता है और व्यक्तिगत से अलग-अलग होता है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के इलाज के लिए कौन पात्र नहीं है?
स्वास्थ्य और कुछ अन्य कारकों के आधार पर डॉक्टर ईडी को ठीक करने के लिए उपचार के एक निश्चित रूप की सलाह देता है। जबकि एक प्रकार का उपचार जैसे मौखिक दवा रोगी के लिए काम कर सकता है, दूसरे को सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
स्तंभन दोष के उपचार के दुष्प्रभाव क्या हैं?
ईडी के लिए उपचार सुरक्षित है, लेकिन इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं जैसे:
मौखिक दवा से सिरदर्द, पीठ दर्द, दृष्टि में बदलाव और पेट की समस्या हो सकती है।
स्व-इंजेक्शन के परिणामस्वरूप उस क्षेत्र के आसपास दर्द हो सकता है जहां सुई इंजेक्ट की जाती है, इंजेक्शन लगाने वाले क्षेत्र के चारों ओर रेशेदार ऊतक का रक्तस्राव और विकास होता है।
म्यूज थेरेपी के साइड इफेक्ट्स में मामूली मूत्रमार्ग रक्तस्राव, दर्द और रेशेदार ऊतक निर्माण शामिल हैं।
ईडी के लिए उपचार के रूप में सर्जरी बहुत असामान्य है और इससे संक्रमण जैसी गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं।
ठीक होने में कितना समय लगता है ?
ईडी के लिए उपचार आम तौर पर मौखिक दवा के रूप में होता है जिसे निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार लिया जाना चाहिए। पेनिल सर्जरी के बाद रिकवरी लगभग 2 से 4 सप्ताह लगती है। कोई भी 6 सप्ताह के समय में यौन गतिविधि फिर से शुरू कर सकता है।
तनाव या चिंता के कारण ईडी के मामले में, व्यक्ति मनोचिकित्सा और वसूली की तलाश करते हैं जब वे परेशान होते हैं और आराम करना सीखते हैं।
भारत में इलाज की क्या कीमत है ?
ईडी का इलाज करने की लागत उस प्रकार के उपचार पर भिन्न होती है जो कोई मांग रहा है। यह आम तौर पर कुछ मामलों में 25,000 से 40,000 रुपये और इससे भी अधिक है।
क्या उपचार के परिणाम स्थायी हैं ?
जबकि सर्जरी और पेनिल इम्प्लांट्स के प्रभाव स्थायी हो सकते हैं, मौखिक दवा लेने की आवश्यकता होती है और जब ईडी से पीड़ित पुरुष संभोग में शामिल होना चाहता है।
उपचार के विकल्प क्या हैं ?
ईडी के लिए कई वैकल्पिक उपचार भी उपलब्ध हैं। इसमें शामिल है:
पोषक तत्वों की खुराक
हर्बल दवा
एक्यूपंक्चर
समूह चिकित्सा
क्या ईडी रिवर्सिबल है?
इरेक्टाइल डिसफंक्शन की पुनरावृत्ति तीव्रता या ईडी के प्रकार पर निर्भर करता है जिससे व्यक्ति पीड़ित है। डॉक्टरों ने ईडी को दो श्रेणियां, प्राथमिक ईडी और माध्यमिक ईडी में अलग कर दिया है।
प्राथमिक ईडी: एक ऐसी स्थिति है, जहां व्यक्ति अपने पूरे जीवन में एक स्तंभन को बनाए रखने में असमर्थ होता है। यह स्थिति बहुत असामान्य होती है और इसे ठीक नहीं किया जा सकता है।
सेकेंडरी ईडी : एक ऐसी स्थिति है, जिसमें किसी व्यक्ति में पहले इरेक्शन होता था, लेकिन अब कुछ शारीरिक और मनोवैज्ञानिक समस्याओं के कारण वह उत्तेजित नहीं हो पाता है। यह स्थिति आमतौर पर कई लोगों में पाई जाती है। सेकेंडरी ईडी अच्छे आहार और साउंड लाईफ स्टाइल के साथ दवा या सर्जरी के साथ इलाज रिवर्सिबल है।

स्तंभन दोष के लिए सबसे अच्छा विटामिन क्या है?
विटामिन की प्रचुर मात्रा में कमी से स्तंभन दोष होता है। उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
एल-
अर्गिनीन और प्यकनोगेनोल: ये विटामिन धमनियों और नसों में रिलेक्सेसन को ट्रिगर करने और एक उचित निर्माण के लिए लिंग में रक्त के प्रवाह को विनियमित करने में मदद करते हैं।
जिंक: जिंक खनिज पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है और साथ ही ईडी लक्षणों के उपचार के लिए सकारात्मक रूप से मदद करता है।
डीएचईए: कई डॉक्टर ईडी के लिए डीहाइड्रोएपियनड्रोस्टेरोन (डीएचईए) लिखते हैं। डीएचईए रक्त वाहिकाओं को उत्तेजित करके स्तंभन दोष में सुधार करने में मदद करता है जिसके परिणामस्वरूप रक्त प्रवाह में वृद्धि होती है।
विटामिन डी: एक शोध में, यह पाया गया कि जिन पुरुषों में विटामिन डी की कमी होती है उनमें ईडी होने की संभावना 32% अधिक होती है।

फ्लेवोनोइड-समृद्ध खाद्य पदार्थ: फ्लेवनॉइड्स से भरपूर खाद्य पदार्थ स्तंभन दोष को कम करने में भी मदद करते हैं।
स्तंभन दोष के लिए सबसे अच्छा प्राकृतिक उपचार क्या है?

जिन्कगो: यह लिंग को रक्तप्रवाह का विस्तार करता है, जो अंततः यौन इच्छा और ईडी में सुधार करता है। हालाँकि, यह उपाय रक्तस्राव की समस्या का निर्माण कर सकता है। ऐसे व्यक्ति के लिए जो रक्त को पतला करता है या रक्तस्राव के रोगों से पीड़ित है, जिन्कगो का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।
जिनसेंग: बाजार में सुलभ कई प्रकार के जिनसेंग हैं। उनमें से अधिकांश को ईडी के लिए सहायक माना जाता है। जिनसेंग को नियंत्रित मात्रा में लेने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह बड़ी मात्रा में लेने पर नींद की बीमारी का कारण बनता है।
योहिम्बीन: अफ्रीकी पेड़ की छाल का मुख्य घटक, योहिम्बीन शायद ED के लिए सभी प्राकृतिक उपचारों में से एक है। कुछ शोध बताते हैं कि योहिम्बीन एक प्रकार का यौन रोग सुधार सकता है जो डिप्रेशन के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा से जुड़ा हुआ है।
योहिम्बीन: अफ्रीकी पेड़ की भूसी का यह प्राथमिक हिस्सा डिप्रेशन का इलाज करने के लिए जाना जाता है जो स्तंभन दोष का भी एक कारण है। इसे ईडी के लिए सबसे प्रभावी उपाय माना जाता है।
हॉर्नी गोट वीड: इन पत्तियों में विटामिन होते हैं जो यौन प्रदर्शन को बढ़ाते हैं। इस जड़ी बूटी को बड़ी मात्रा में लेने से दिल की बीमारी हो सकती है।

“कभी-कभार संतोषजनक संभोग के लिए गुप्तांग में इरेक्शन ना ला पाना कोई असामान्य बात नहीं हैं | परन्तु अगर यह अक्सर होता आ रहा है (लगभग 50 प्रतिशत वक़्त) तो यह परेशानी का संकेत हो सकता है |”

पुरुषों की सेक्स समस्याओं (Men’s Sex Problems) का समाधान करना बहुत जरूरी है। क्योंकि इसका प्रभाव निजी जीवन को खंडहर बनाने का काम करता है।
इसलिए हमें हेल्दी सेक्स लाइफ (Healthy Sex Life) की आदत डालनी चाहिए। जो लोग ऐसा नहीं करते उनको कुछ परेशानियों से गुजरना पड़ता है।
कई लोग शर्मिंदगी के कारण सेक्सोलॉजिस्ट (Sexologist) से नहीं मिलते। इसलिए हम कुछ ऐसी जानकारी देने जा रहे हैं जिससे आप बिना डॉक्टर से मिले ही अपनी सेक्स समस्या का समाधान (Home Remedies For Sexual Problems) कर सकते हैं।
- पुरुषों में शीघ्रपतन / प्री मच्योर इजेकुलेशन (Premature Ejaculation)

समय से पहले वीर्य स्खलन होना यानी कि ‘टायं, टायं फुस्स’ हो जाना। इस तरह की दिक्कत से अधिकतर पुरुष गुजरते हैं। ऐसे पुरुष सेक्स लाइफ का असल आनंद नहीं ले पाते।

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यह मानसिक रूप से जुड़ी होती है। इसलिए इसका इलाज भी उसी आधार पर करना होगा। हृदय सम्बंधित कारण (cardiovascular causes) इसमें सबसे आम कारण है arteriosclerosis जिसमें गुप्तांग में मौजूद रक्तवाहिनी (arteries) किनी कारणों की वजह से सख़्त हो जाती हैं | सख़्त होने के कारण वे बंद हो जाते है जिससे सही मात्रा में रक्त गुप्तांग तक नहीं पहुँच पाता | इसकी वजह से गुप्तांग में स्तंभन नहीं आ पाता |
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समाधान (Erectile Dysfunction Treatment):
यह भी एक प्रकार मानसिक रूप से जुड़ी होती है। इसलिए इसका इलाज भी उसी आधार पर करना होगा। बहुत से पुरुष ऐसे होते हैं जो अधिक से ज़्यादा तनाव लेने पर स्तंभन दोष के शिकार हो जाते है | “अक्सर मनोवैज्ञानिक परेशानियों – जैसे डिप्रेशन (depression), एंग्जायटी (anxiety) – के कारण पुरुष उचित समय पर इरेक्शन नहीं प्राप्त कर पाते | यह इरेक्टाइल डिसफंक्शन का एक प्रमुख कारण है | कभी-कभी पुरुष अपने पार्टनर को संतुष्टि देने के लिए अधिक तनाव ले लेते हैं जिससे संभोग के दौरान फिर वे बौखला जाते हैं और परफॉर्म नहीं कर पाते |”
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वीर्य में शुक्राणुओं की कमी और वीर्य का पतला होना पुरुषों के लिए गंभीर समस्या बन जाती है। इससे न केवल सेक्स लाइफ बल्कि संतान उत्पति में भी दिक्कत होती है। इसलिए इसे दूर करना जरूरी है।

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5. सेक्स इच्छा की कमी:
यह समस्या डिप्रेशन, थकान, स्ट्रेस की वजह से हो सकती है। इसलिए इनको दूर करना बहुत जरूरी है।
समाधान जानें
बेडरूम में रखें ये चीजें
रोमांटिक सेक्स लाइफ
जब आप उपरोक्त दिए गए लिंक की जानकारी को पढ़ेंगे तो खुद ही समझ जाएंगे कि इस समस्या से निजात पाना कितना आसान है।

6. पहली बार सेक्स करने की दिक्कत:
यह एक बड़ी समस्या की तरह ही है। पहली बार फिजिकल रिलेशन बनाने से पहले इस तरह की दिक्कत से अधिकतर लोग परेशान नजर आते हैं। इसलिए इसको दूर कर लें तो नहीं तो पहली बार में ही इम्प्रेसन बिगड़ जाएगा।
समाधान कैसे पाएं
शादी की पहली रात का डर दूर करें
कंडोम के अलावा इन चीजों को साथ रखें
पहली बार फिजिकल होने से पहले क्या करें
यकीनन आपको ज्यादा कुछ नहीं करना है। बस यहां दिए हुए तीन आर्टिकल्स में आसान टिप्स दिए गए हैं जिनसे आपको काफी हद तक मदद मिल सकती है।
नोट- अगर आप सेक्सोलॉजिस्ट से मिलकर अपनी समस्या दूर करना चाहते हैं तो बिल्कुल करें।
यहां पर बताई गई सेक्स समस्याएं पुरुषों में सबसे अधिक देखने को मिलती हैं। इनका समाधान हम घर पर आसानी से कर सकते हैं। यहां पर बताए गए टिप्स सेक्सोलॉजिस्ट के द्वारा दिए गए हैं।
रिस्क फैक्टर्स जिनसे arteriosclerosis होने की सम्भावना बढ़ जाती है –
अधिक से ज़्यादा वज़न रखना (Obesity)
डायबिटीज
शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज़्यादा होना
उच्च रक्त चाप होना (high blood pressure)
धूम्रपान करना
दिल की बीमारी होना
नसों से संबंधित कारण (neurological causes)

कई बार किन्हीं कारणों की वजह से गुप्तांग से जुड़े हुए नसों में आघात पहुँच जाता है जिससे फिर स्तंभन दोष उत्पन्न होता है |
“प्रोस्टेट कैंसर की सर्जरी कराने पर या श्रोणि में किसी भी प्रकार की सर्जरी कराने पर गुप्तांग से जुडी नसें डैमेज हो सकती हैं | रीढ़ की हड्डी पर आघात पहुँचने पर भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन हो सकता है |”